हिचकी को रोकने के लिए आसान 20 घरेलू उपाय

20 easy home remedies to stop hiccups

हिचकी को रोकने के लिए आसान 20 घरेलू उपाय

हिचकी एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब डायफ्राम में संकुचन या दबाव उत्पन्न होता है, जिससे आवाज निकालने वाली नली अचानक बंद होकर ‘हिक्’ ध्वनि को उत्पन्न करती है। हिचकी को रोकने के लिए घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जाना अच्छा होता है।

हिचकी क्या है?

हिचकी को हिक्का भी कहते हैं। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त एवं कफ विकार के कारण शरीर में कोई भी बीमारी होती है। इसी तरह हिचकी वात एवं कफ दोष विकार के कारण होती है। आमतौर पर हिचकी की परेशानी श्वसन तंत्र विकार के कारण होती है, लेकिन इसमें पाचनतंत्र की भी भूमिका होती है।

हिचकी के प्रकार

आयुर्वेद में हिचकी के पांच प्रकार बताए गए हैं:

1- महाहिक्का: इसमें अधिक तेजी से हिचकी आती है।
2- महा-गम्भीरा: गंभीर आवाज के साथ हिचकी आती है।
3- व्येपता हिक्का: हिचकी लगातार ना आकार रुक-रुक कर आती है।
4- क्षुद्रा हिक्का: थोड़ी देर के लिए आती है और फिर शांत हो जाती है।
5- अन्नजा हिक्का: प्रायः छीक के साथ धीमी आवाज के साथ होती है। यह जलपान करने या भोजन करने से या कभी-कभी अपने आप ही दब जाती है।

इनमें से क्षुद्रा एवं अन्नजा हिचकी सामान्य होती है, और महा-गम्भीरा और व्यपेता हिचकी परेशानी बन जाती है।

हिचकी आने के कारण

पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। डायफ्राम मांसपेशी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। फ्रेनिक नसें डायफ्राम की गति को नियंत्रित एवं उत्तेजित करती हैं। इन नसों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डायफ्राम में ऐंठन होती है, तथा Epiglottis के अचानक बंद होने के कारण हिचकी आने लगती है।

हिचकी आने के कारण ये हो सकते हैं:

अस्वस्थ भोजन करना
ठण्डे आहार का सेवन
बदहजमी की स्थिति में भोजन करना
ठण्डी जगह पर रहना
धुआं, धूल, तेज वायु का सेवन करना
ज्यादा भोजन करना या भोजन करते समय बात करना
कार्बोनेटेड युक्त पेय पदार्थों को पीना
अधिक शराब पीना
किसी तरह के तनाव में होना या भावनात्मक रूप से उत्तेजित होना
ज्यादा देर तक च्यूइंग गम चबाना
बहुत देर तक हंसने से भी व्यक्ति के अन्दर अनजाने में हवा चली जाती है, और हिचकी आती है।

गर्भवती महिलाओं में हिचकी के कारण

गर्भवती महिलाओं में हिचकी एक आम समस्या हो सकती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। यहाँ कुछ संभावित कारण और उपाय दिए गए हैं:

गर्भावस्था के दौरान, भ्रूण के ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए सांस लेने की प्रक्रिया सामान्य से अधिक हो जाती है। इस समय किसी भी कारण से ऑक्सीजन कम लेने पर डायफ्राम में संकुचन पैदा होता है, जिससे हिचकी होती है।
जल्दी खाने या पीने से भी हिचकी हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान पेट पर दबाव पड़ने के कारण Acid reflux की समस्या हो जाती है, जो हिचकी का कारण बनती है।

गर्भवती महिलाओं में हिचकी के उपाय

धीरे-धीरे तथा आराम से भोजन करना चाहिए।
तनावमुक्त रहने के लिए योग और ध्यान का अभ्यास करना चाहिए।
उचित जीवनशैली अपनानी चाहिए, जैसे कि नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार।
हिचकी आने पर गहरी सांस लेना और उसे कुछ देर तक रोककर रखना मददगार हो सकता है।

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हिचकी रोकने के लिए घरेलू उपाय

हिचकी एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। यहाँ 20 घरेलू उपाय दिए गए हैं जो हिचकी को रोकने में मदद कर सकते हैं:

1- आंवला और मिश्री

सोंठ, आंवले और पीपल के एक-एक ग्राम चूर्ण को मिलाकर मधु या मिश्री के साथ खाएं। इससे हिचकी को रोका जा सकता है।

2- पिप्पली और मिश्री

पिप्पली चूर्ण और पिसी हुई मिश्री मिलाकर हिचकी के रोगी को सूंघाने से हिचकी बंद हो जाती है।

3- नींबू और नमक

गुनगुने पानी में नींबू का रस और एक चुटकी नमक और पुदीने के कुछ पत्ते मिलाएं। इसे पीने से हिचकी और गैस दोनों में आराम मिलता है।

4- सोंठ और हरड़

सोंठ और बड़ी हरड़ को बराबर-बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। तीन ग्राम चूर्ण को पानी के साथ सेवन करने से हिचकी बंद हो जाती है।

5- कुटकी और शहद

कुटकी के चूर्ण को 1-2 चुटकी की मात्रा में शहद के साथ मिलाकर दिन में 3-4 बार खाएं। इससे हिचकी से आराम मिलता है।

6- हींग और मक्खन

1/4 चम्मच हींग पाउडर को 1/4 चम्मच मक्खन के साथ मिलाकर खाने से हिचकी का इलाज होता है।

7- नींबू का टुकड़ा

जल्दी राहत पाने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में नींबू का टुकड़ा चूसें।

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8- इलायची

एक गिलास पानी में 2-3 इलायची उबालकर पीने से लाभ मिलता है।

9- शहद और पानी

एक गिलास ठण्डे पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से हिचकी से जल्दी राहत मिलती है।

10- चीनी

हिचकी रोकने के उपाय के लिए एक चम्मच चीनी को मुंह में रख कर चूसें, तथा उसके बाद पानी पी लें।

11- हरीतकी चूर्ण

हरीतकी चूर्ण की दो ग्राम मात्रा में शहद मिलाकर बार-बार चटाएं।

12- आमलकी और कपित्थ

आमलकी तथा कपित्थ के रस लें। इसमें मधु एवं पिप्पली मिलाकर चाटने को दें।

13- चित्रकादि वटी

बार-बार हिचकी आने पर दिन में तीन बार चित्रकादि वटी लें।

14- पानी पीना

हिचकी आने पर जल्दी-जल्दी पानी पीने से भी हिचकी को रोका जा सकता है।

15- शहद या पीनट बटर

बच्चों में हिचकी आने पर एक चम्मच शहद या पीनट बटर खिलाएं।

16- अदरक

अदरक के एक छोटे टुकड़े को लेकर धीरे-धीरे चबाने से हिचकी को रोका जा सकता है।

17- चौंकाना

हिचकी से ग्रस्त व्यक्ति को अचानक से चौकाने की कोशिश करें, या उसका ध्यान बाँटने की कोशिश करें।

18- पुदीना

पुदीने के पत्तों का रस निकालकर उसे सूंघने से हिचकी बंद हो जाती है।

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19- दही

दही का सेवन करने से हिचकी को रोका जा सकता है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

निष्कर्ष

हिचकी एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। हिचकी को रोकने के लिए कई घरेलू उपाय हैं जो आसानी से अपनाए जा सकते हैं। इन उपायों में से कुछ प्रमुख हैं आंवला और मिश्री, पिप्पली और मिश्री, नींबू और नमक, सोंठ और हरड़, कुटकी और शहद, हींग और मक्खन आदि का सेवन। इन घरेलू उपायों को अपनाकर हिचकी से छुटकारा पाया जा सकता है और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकती है।

डिस्क्लेमर:
⚠️ Disclaimer : हिचकी को रोकने के लिए आसान घरेलू उपाय! की यह पोस्ट कई किताबो और स्वास्थ सम्बन्धित वेब साईट को अध्यन कर सावधानी पूर्वक लिखा गया हैं।

लेकिन इसमें उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर 👉 #चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। और साथ ही आप ध्यान दे सेहत से जुड़ें किसी भी नुस्खे को आजमाने से पहले अपने डॉ से जरुर सलाह ले ताकि आपको जल्द से जल्द आपको लाभ मिले।

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