मुलेठी के फायदे (Mulethi Ke Fayde) सिर्फ गले की खराश तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो पेट के रोग, खांसी, त्वचा, बालों, आंखों और मानसिक स्वास्थ्य तक में लाभ देती है। इस लेख में जानें मुलेठी का उपयोग, सेवन विधि और 29 प्रमुख लाभ जिनसे आप अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
अगर आप आयुर्वेदिक इलाज की तलाश कर रहे हैं, तो मुलेठी आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। पढ़ें “मुलेठी के फायदे” हिंदी में – विस्तारपूर्वक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ।
🌿 मुलेठी के फायदे, उपयोग, नुकसान और सेवन विधि | Mulethi ke Fayde in Hindi
आयुर्वेद में मुलेठी (Mulethi), जिसे यष्टिमधु (Yashtimadhu) भी कहा जाता है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटी मानी जाती है। यह न केवल गले की खराश और सर्दी-खांसी में फायदेमंद है, बल्कि यह शरीर के आंतरिक अंगों से लेकर त्वचा, बाल, आंखों, मस्तिष्क और प्रजनन तंत्र तक लाभ पहुंचाती है।
मुलेठी का स्वाद मीठा होता है और इसमें सूजन रोधी (Anti-inflammatory), रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले (Immunity Booster), एंटीऑक्सिडेंट, एंटीवायरल और हॉर्मोन संतुलन करने वाले गुण पाए जाते हैं।

🌿 मुलेठी का उपयोग (Mulethi ke Upyog)
मुलेठी का उपयोग आयुर्वेद में निम्नलिखित रूपों में किया जाता है:
उपयोग का प्रकार | विवरण |
---|---|
🔹 मुलेठी चूर्ण (Powder) | दूध, शहद या गुनगुने पानी के साथ सेवन |
🔹 मुलेठी काढ़ा (Decoction) | सर्दी, खांसी, सांस की तकलीफ में बेहद उपयोगी |
🔹 मुलेठी का अर्क | त्वचा रोगों में बाहरी प्रयोग के लिए |
🔹 मुलेठी तेल | बालों की मालिश, सिरदर्द और त्वचा के लिए |
🔹 मुलेठी लेप | घाव, अल्सर, फोड़े-फुंसी में लगाने के लिए |
🔹 मुलेठी गोली / टेबलेट | बाज़ार में उपलब्ध है, डॉक्टर की सलाह से लें |

✅ मुलेठी के 29 प्रमुख फायदे (Benefits of Mulethi in Hindi)
🌿 तो दोस्तों, आईए अब जानते हैं एक-एक करके मुलेठी के वे 29 प्रमुख और असरदार फायदे, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हैं और आयुर्वेद में जिनका उपयोग सदियों से होता आ रहा है।
मुलेठी (Mulethi), जिसे यष्टिमधु या लिकोरिस रूट (Licorice Root) के नाम से भी जाना जाता है, न सिर्फ खांसी-जुकाम, गले की खराश, और पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह बालों, त्वचा, आंखों, लिवर, पेट, दिल, दिमाग और यौन स्वास्थ्य तक पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
Mulethi Ke Fayade में आप जानेंगे कि “मुलेठी के फायदे क्या हैं”, यह किन बीमारियों में उपयोगी है, और कैसे इसका सही ढंग से उपयोग करके आप अपने शरीर की कमजोरी, सांस की बीमारी, माइग्रेन, त्वचा रोग, कब्ज, और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में राहत पा सकते हैं।
👉 इसलिए Mulethi Ke Fayde को अंत तक ध्यान से पढ़िए, क्योंकि आगे आप जानने वाले हैं मुलेठी से जुड़ी गहराई से शोधित जानकारी – उपयोग विधि, मात्रा, और आवश्यक सावधानियों के साथ। |
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1. 🧠 सिरदर्द में राहत
लगातार तनाव या माइग्रेन के कारण सिरदर्द होना आम है। उपयोग: मुलेठी चूर्ण में कलिहारी चूर्ण और सरसों का तेल मिलाकर सूंघें। विधि: मुलेठी चूर्ण 1 भाग, कलिहारी चूर्ण 1/4 भाग और कुछ बूंदें सरसों तेल की मिलाकर सिर पर या नाक के पास लगाएं।

2. 💇♂️ बालों की ग्रोथ में सहायक
भूमिका: झड़ते और कमजोर बालों के लिए मुलेठी एक प्राकृतिक टॉनिक है। उपयोग: मुलेठी क्वाथ से बाल धोएं या मुलेठी और तिल का लेप लगाएं।
विधि: मुलेठी को तिल और भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लगाएं। |

3. 🌩️ माइग्रेन में आराम
भूमिका: माइग्रेन में सिर के एक ओर तेज़ दर्द होता है। उपयोग: मुलेठी चूर्ण में शहद मिलाकर नाक में डालें।
विधि: 1 ग्राम मुलेठी चूर्ण + 1/2 चम्मच शहद को मिलाकर नेजल ड्रॉप के रूप में इस्तेमाल करें। |
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4. ⚫ समय से पहले सफेद हो रहे बालों को रोके
भूमिका: आजकल युवाओं में भी समय से पहले बाल सफेद होना आम हो गया है।
उपयोग: मुलेठी, आंवला और तिल का तेल मिलाकर विशेष तेल बनाएं। |
विधि: 50 ग्राम मुलेठी कल्क, 750 मिली आंवला रस, 750 मिली तिल तेल मिलाकर पाक बनाएं और इसकी कुछ बूँदें नाक में डालें। |

5. 👁️ आंखों के रोगों में लाभकारी
भूमिका: आंखों में जलन, खुजली, या रोशनी की कमी हो तो मुलेठी उपयोगी है।
उपयोग: मुलेठी का काढ़ा बनाकर आंखें धोएं। |
विधि: मुलेठी चूर्ण + सौंफ चूर्ण मिलाकर खाएं या काढ़ा बनाकर आंखों को धोएं। |

6. 👁️ कंजक्टिवाइटिस (आंख आना) में फायदेमंद
उपयोग: मुलेठी को पानी में पीसकर रुई के फाहे से आंख पर लगाएं।
विधि: 5 ग्राम मुलेठी को पानी में पीसें और आंख पर पट्टी करें। |
7. ⚪ आंखों में सफेद धब्बे (तिमिर) की रोकथाम
उपयोग: मुलेठी और आंवला का काढ़ा बनाकर आंखें धोएं।
विधि: 1 चम्मच मुलेठी + 1 चम्मच आंवला को पानी में उबालें और उससे आंखें धोएं। |

8. 👂 कान के रोगों में लाभकारी
उपयोग: मुलेठी और द्राक्षा के दूध को कान में डालें।
विधि: 5 ग्राम मुलेठी और 5 ग्राम द्राक्षा को दूध में उबालें और गुनगुना करके कान में 2-2 बूँद डालें। |
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9. 👃 नाक के रोगों में असरदार
उपयोग: मुलेठी, शुण्ठी, इलायची, मिश्री का काढ़ा बनाकर नाक में डालें।
विधि: सभी को समान मात्रा में मिलाकर 1-2 बूँद नाक में दिन में दो बार डालें। |

10. 👄 मुँह के छालों में मुलेठी के फायदे
उपयोग: मुलेठी और शहद को मिलाकर चूसें।
विधि: मुलेठी के टुकड़े + 1/2 चम्मच शहद मिलाकर चूसें। |
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✅ 11. गला बैठने में राहत (Hoarseness Relief)
Mulethi Ke Fayade: मुलेठी गले की सूजन और खराश को शांत करती है। जब गला बैठ जाता है और आवाज भारी हो जाती है, तब यह औषधीय रूप से अत्यंत लाभकारी सिद्ध होती है।
सेवन विधि:
- एक छोटा टुकड़ा मुलेठी को मुंह में रखकर दिन भर चूसते रहें।
- इससे गले की सूजन कम होती है और आवाज सामान्य होती है।
उपयोग: वोकल प्रोफेशन (गायक, शिक्षक, वक्ता) के लिए अत्यंत उपयोगी। |

✅ 12. सूखी खांसी व बलगमी खांसी में उपयोगी
लाभ: मुलेठी बलगम को ढीला कर बाहर निकालने में मदद करती है और सूखी खांसी को शांत करती है।
सेवन विधि:
- 1 चम्मच मुलेठी चूर्ण में 1 चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार सेवन करें।
- या 20 ml मुलेठी का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पिएं।
उपयोग: बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए सुरक्षित। |

✅ 13. मुलेठी हिचकी रोकने में सहायक
लाभ: हिचकी जब बार-बार आती है और कोई उपाय नहीं काम करता, तब मुलेठी राहत देती है।
सेवन विधि:
- एक टुकड़ा मुलेठी चूसें या उसका चूर्ण थोड़े शहद में मिलाकर चाटें।
उपयोग: तात्कालिक राहत के लिए प्रभावी घरेलू उपाय। |
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✅ 14. सांस की तकलीफ में मुलेठी लाभकारी
लाभ: मुलेठी श्वसन तंत्र को खोलती है और फेफड़ों की सफाई में मदद करती है।
सेवन विधि:
- 15-20 ml मुलेठी काढ़ा सुबह-शाम सेवन करें।
उपयोग: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और एलर्जी में लाभकारी। |

✅ 15. दिल की बीमारी में सहायक
लाभ: मुलेठी दिल की धड़कन को नियंत्रित करती है और हृदय को ताकत देती है।
सेवन विधि:
- 3 ग्राम मुलेठी चूर्ण और कुटकी को मिलाकर 20 ग्राम मिश्री पानी में घोलकर पिएं।
उपयोग: हृदय रोगियों के लिए लाभकारी टॉनिक। |
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✅ 16. पेट के अल्सर में राहत
लाभ: मुलेठी पेट की परतों को आराम देती है और जलन को शांत करती है।
सेवन विधि:
- 1 चम्मच मुलेठी पाउडर दूध के साथ दिन में 3 बार लें।
उपयोग: गैस्ट्रिक अल्सर और एसीडिटी से राहत के लिए कारगर। |

✅ 17. पेट दर्द व ऐंठन से राहत
लाभ: गैस, अपच और मरोड़ जैसी समस्याओं में मुलेठी तुरंत राहत देती है।
सेवन विधि:
- 1 चम्मच मुलेठी चूर्ण में थोड़ा शहद मिलाकर दिन में 2 बार खाएं।
उपयोग: यात्रा के दौरान पेट खराब होने पर उपयोगी। |

✅ 18. पेट फूलना (Flatulence) कम करे
लाभ: पाचन तंत्र को मजबूत करती है और गैस की समस्या से राहत दिलाती है।
सेवन विधि:
- 2-5 ग्राम मुलेठी चूर्ण में मिश्री मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें।
उपयोग: वृद्धों और कमजोर पाचन वालों के लिए उत्तम। |
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✅ 19. उल्टी में खून आना रोके
लाभ: रक्तस्राव को रोकने और पेट की सूजन को शांत करने में मदद करती है।
सेवन विधि:
- मुलेठी और रक्त चंदन का चूर्ण दूध में मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पिएं।
उपयोग: एसिडिटी और गैस्ट्रिक अल्सर से संबंधित रक्तस्राव में उपयोगी। |

✅ 20. खून की कमी (Anemia) में मुलेठी लाभकारी
लाभ: शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने में सहायक।
सेवन विधि:
- मुलेठी का काढ़ा बनाकर उसमें शहद मिलाकर रोजाना सुबह-शाम लें।
उपयोग: महिलाओं और बच्चों में आयरन की कमी के लिए उत्तम घरेलू उपाय। |

🌿 21. मुलेठी के फायदे – मूत्र में जलन में राहत (Urinary Burning Relief)
👉 समस्या: पेशाब के समय जलन या दर्द होना यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) या शरीर में गर्मी का संकेत हो सकता है।
🏵 समाधान: मुलेठी शरीर की गर्मी को संतुलित करती है और मूत्रनली को शांत करती है। |
💡 उपयोग विधि:
सामग्री | मात्रा | तरीका |
---|---|---|
मुलेठी चूर्ण | 1 चम्मच | एक कप ठंडे दूध में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। |
✅ Mulethi Ke Fayade चाहते हैं तो इसका नियमित सेवन करे इससे पेशाब की जलन में राहत मिलती है।
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🌿 22. यूरिन रिटेंशन से बचाव (Urinary Retention Relief)
👉 समस्या: मूत्र न आना या रुक-रुक कर आना शरीर में अशुद्धि और मूत्राशय की कमजोरी को दर्शाता है।
🏵 समाधान: मुलेठी अन्य औषधियों के साथ मिलकर मूत्र प्रवाह को बढ़ाती है। |
💡 उपयोग विधि:
सामग्री | मात्रा |
---|---|
मुलेठी चूर्ण | 1 चम्मच |
दारुहल्दी चूर्ण | 1 चम्मच |
एर्वारु बीज चूर्ण | 1 चम्मच |
इन तीनों को मिलाकर तण्डुलोदक (चावल का पानी) के साथ दिन में 2-3 बार सेवन करें।
✅ यह मिश्रण मूत्र मार्ग की रुकावट को दूर करता है। |

🌿 23. स्तनों में दूध बढ़ाने में सहायक (Increase Breast Milk Production)
👉 समस्या: प्रसव के बाद कुछ माताओं में दूध का उत्पादन कम होता है, जिससे नवजात को पोषण नहीं मिल पाता।
🏵 समाधान: मुलेठी और शतावरी दोनों स्तन दुग्ध वर्धक मानी जाती हैं। |
💡 उपयोग विधि:
सामग्री | मात्रा | तरीका |
---|---|---|
मुलेठी चूर्ण | 2 चम्मच | एक कप दूध में |
शतावरी चूर्ण | 3 चम्मच | मिलाकर उबालें, जब आधा रह जाए तो सुबह-शाम सेवन करें। |
✅ इससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होता है। |

🌿 24. अधिक माहवारी रक्तस्राव से राहत (Control Heavy Menstrual Bleeding)
👉 समस्या: कुछ महिलाओं को मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव होता है जिससे कमजोरी हो जाती है।
🏵 समाधान: मुलेठी रक्त को थामने वाले गुणों से भरपूर है। |
💡 उपयोग विधि:
सामग्री | मात्रा | तरीका |
---|---|---|
मुलेठी चूर्ण | 1-2 ग्राम | मिश्री के साथ |
मिश्री | 5-10 ग्राम | चावल के पानी (तण्डुलोदक) के साथ सेवन करें। |
✅ यह मिश्रण अत्यधिक ब्लीडिंग को नियंत्रित करता है। |
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🌿 25. घाव या अल्सर के दर्द से राहत (Relief in Wounds & Ulcers)
👉 समस्या: शरीर पर घाव या अल्सर के कारण असहनीय दर्द और सूजन हो सकती है।
🏵 समाधान: मुलेठी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। |
💡 उपयोग विधि:
उपयोग | तरीका |
---|---|
बाहरी प्रयोग | मुलेठी चूर्ण को घी में मिलाकर गुनगुना करके घाव पर लगाएं। |
आंतरिक प्रयोग | 1 चम्मच मुलेठी चूर्ण दूध के साथ पिएं। |
✅ घाव जल्दी भरते हैं और दर्द में राहत मिलती है। |

🌿 26. शरीर की कमजोरी दूर करने में सहायक (Boost Physical Strength)
👉 समस्या: लगातार थकान, कमजोरी या तनाव महसूस होना।
🏵 समाधान: मुलेठी पौष्टिक और बलवर्धक है। यह ओज और ऊर्जा को बढ़ाती है। |
💡 उपयोग विधि:
सामग्री | मात्रा |
---|---|
मुलेठी चूर्ण | 1 चम्मच |
शहद | ½ चम्मच |
देशी घी | 1 चम्मच |
👉 इन तीनों को मिलाकर एक कप गुनगुने दूध के साथ सुबह-शाम 6 हफ्ते तक लें।
✅ इससे शरीर में ताकत और ताजगी लौट आती है। |

🌿 27. शरीर की दुर्गंध दूर करने में उपयोगी (Remove Body Odour)
👉 समस्या: अत्यधिक पसीने या बैक्टीरिया के कारण शरीर से बदबू आना।
🏵 समाधान: मुलेठी में त्वचा को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। |
💡 उपयोग विधि:
उपयोग | तरीका |
---|---|
बाहरी प्रयोग | मुलेठी चूर्ण को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं और नहाने से पहले शरीर पर लगाएं। |
✅ पसीने की दुर्गंध धीरे-धीरे कम हो जाती है। |
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🌿 28. मिर्गी रोग में लाभकारी (Helpful in Epilepsy)
👉 समस्या: मिर्गी (Epilepsy) में बार-बार दौरे आना एक गम्भीर रोग है।
🏵 समाधान: मुलेठी मस्तिष्क को शांत करती है और तंत्रिका तंत्र को संतुलित करती है। |
💡 उपयोग विधि:
तरीका | मात्रा |
---|---|
घी के साथ सेवन | 1 चम्मच मुलेठी चूर्ण को घी में मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करें। |
वैकल्पिक | 5 ग्राम मुलेठी को पेठे के रस में पीसकर 3 दिन तक सेवन करें। |
✅ मिर्गी के लक्षणों में राहत मिलती है। |
🌿 29. सेक्स क्षमता बढ़ाने में सहायक (Boosting Sexual Strength)
👉 समस्या: सेक्स की इच्छा में कमी या यौन दुर्बलता।
🏵 समाधान: मुलेठी में कामोत्तेजक (Aphrodisiac) गुण होते हैं। |
💡 उपयोग विधि:
सामग्री | मात्रा |
---|---|
मुलेठी चूर्ण | 2-4 ग्राम |
शहद | 1 चम्मच |
घी | 1 चम्मच |
👉 Mulethi Ke Fayade के लिए इसे एक कप दूध में मिलाकर रोजाना रात को सोने से पहले सेवन करें।
✅ सेक्स ड्राइव और यौन क्षमता में वृद्धि होती है। |

🕒 मुलेठी सेवन की विधि और मात्रा (Mulethi Sevan Vidhi aur Matra)
✅ नियमित सेवन से पहले हमेशा किसी वैद्य या डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
उद्देश्य | सेवन विधि | मात्रा | समय |
गले की खराश / खांसी | मुलेठी चूर्ण + शहद | 1 चम्मच | दिन में 2 बार |
पाचन सुधार | मुलेठी चूर्ण + गुनगुना पानी | 1/2 चम्मच | खाने के बाद |
पेट अल्सर | मुलेठी + दूध | 1 चम्मच + 1 कप दूध | दिन में 2-3 बार |
बालों की वृद्धि | मुलेठी का क्वाथ सिर पर लगाएं | – | सप्ताह में 2 बार |
आंखों के लिए | मुलेठी + सौंफ का चूर्ण | 1-1 चम्मच | सुबह-शाम भोजन के बाद |
कमजोरी / ऊर्जा | मुलेठी + शहद + घी + दूध | 1 चम्मच | सुबह खाली पेट |
सामान्य दैनिक मात्रा:
- वयस्क: 2 से 5 ग्राम चूर्ण या 10 से 20 मिली काढ़ा।
- बच्चों के लिए: 1 ग्राम तक या डॉक्टर की सलाह से।
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⚠️ मुलेठी के नुकसान (Mulethi ke Nuksan in Hindi)
✔️ नोट: मुलेठी का सीमित मात्रा में और उचित विधि से सेवन लाभदायक होता है, लेकिन यदि इसे अधिक मात्रा में, लंबे समय तक या बिना चिकित्सकीय सलाह के लिया जाए, तो यह शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

1. 🔴 ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती है (Increases Blood Pressure)
मुलेठी में ग्लायसिरिज़िन (Glycyrrhizin) नामक यौगिक होता है, जो अत्यधिक सेवन से सोडियम प्रतिधारण (Sodium Retention) को बढ़ाता है और शरीर से पोटैशियम की कमी कर सकता है। इसका परिणाम यह होता है कि:
- हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) की समस्या हो सकती है।
- सिर में भारीपन, थकान और चक्कर आने लगते हैं।
👉 यदि आप पहले से ही हाई BP के मरीज हैं, तो मुलेठी से परहेज करें या डॉक्टर की सलाह लें। |
2. ⚠️ पोटैशियम की कमी (Hypokalemia)
मुलेठी के अत्यधिक सेवन से शरीर में पोटैशियम (Potassium) का स्तर घटने लगता है, जिससे शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं:
- मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन
- थकावट और सुस्ती
- अनियमित हृदयगति (Irregular heartbeat)

3. 🚫 गर्भवती महिलाओं के लिए असुरक्षित (Unsafe during Pregnancy)
गर्भावस्था में मुलेठी का अधिक मात्रा में सेवन गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क विकास पर असर डाल सकता है और समय से पहले प्रसव (Preterm Labor) की संभावना को बढ़ा सकता है।
👉 प्रेग्नेंट महिलाएं इसका सेवन बिल्कुल डॉक्टर की निगरानी में करें। |
4. ❗ हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Disturbance)
मुलेठी में एस्ट्रोजेन जैसे प्रभाव होते हैं, जिससे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्रभावित हो सकता है और महिलाओं में मासिक धर्म चक्र गड़बड़ हो सकता है।
- पुरुषों में कामेच्छा में कमी
- महिलाओं में अनियमित पीरियड्स
6. 🧂 पानी जमा होने की समस्या (Water Retention / Edema)
मुलेठी शरीर में सोडियम को रोकने का कार्य करती है, जिससे शरीर में सूजन, खासकर पैर, टखनों या चेहरे पर फुलाव जैसी शिकायत हो सकती है।

7. 🚫 दवाओं के साथ नकारात्मक प्रतिक्रिया (Drug Interaction)
मुलेठी कुछ आधुनिक दवाइयों के साथ प्रतिक्रिया कर सकती है, जैसे:
- डायूरेटिक्स (Diuretics) – पोटैशियम की कमी को और अधिक बढ़ा देती है।
- ब्लड प्रेशर की दवाएं – इनके प्रभाव को घटा या बढ़ा सकती है।
- कोर्टिकोस्टेरॉयड्स – इनके साइड इफेक्ट्स को बढ़ा सकती है।
👉 यदि आप किसी भी प्रकार की दवा ले रहे हैं, तो मुलेठी के सेवन से पहले चिकित्सकीय सलाह ज़रूरी है।

5. 🧠 सिरदर्द और चक्कर आना (Headache & Dizziness)
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की दवा चल रही हो, अगर वे मुलेठी का सेवन करते हैं, तो यह रक्तचाप को प्रभावित कर सकती है और सिरदर्द, चक्कर या धुंधली दृष्टि जैसी समस्या हो सकती है।
⛔ निष्कर्ष (Conclusion on Side Effects)
✔️ मुलेठी एक अत्यंत गुणकारी जड़ी-बूटी है, लेकिन अति हर चीज़ की बुरी होती है।
मुलेठी का सेवन करते समय मात्रा, समय और तरीका बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। यदि आप इसे सीमित मात्रा में, उचित विधि से और चिकित्सकीय सलाह लेकर सेवन करते हैं, तो यह आपकी सेहत को कई गुना लाभ दे सकती है। लेकिन बिना जानकारी, अधिक मात्रा में और लंबे समय तक सेवन करने से यह शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकती है।

❓ मुलेठी से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs on Mulethi in Hindi)
प्रश्न 1. 🟢 मुलेठी क्या होती है और इसका स्वाद कैसा होता है?
उत्तर: मुलेठी एक औषधीय झाड़ी है जिसका तना सुखाकर चूर्ण या टुकड़ों के रूप में इस्तेमाल होता है। इसका स्वाद प्राकृतिक रूप से मीठा होता है।
प्रश्न 2. 🟢 मुलेठी को किस-किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: मुलेठी को संस्कृत में “यष्ठिमधु”, अंग्रेजी में “Licorice” और लैटिन में “Glycyrrhiza glabra” कहा जाता है।
प्रश्न 3. 🟢 मुलेठी किस रोग में सबसे ज़्यादा असरदार मानी जाती है?
उत्तर: मुलेठी सबसे अधिक गले की खराश, खांसी, पेट की गैस, और पाचन में फायदेमंद मानी जाती है।
प्रश्न 4. 🟢 क्या मुलेठी वजन बढ़ाने में मदद करती है?
उत्तर: हाँ, अगर आप इसे शहद, दूध और घी के साथ नियमित रूप से लेते हैं, तो यह शरीर को बल देती है और वजन बढ़ाने में मदद कर सकती है।
प्रश्न 5. 🟢 मुलेठी का रोजाना सेवन सुरक्षित है क्या?
उत्तर: सीमित मात्रा (2-4 ग्राम प्रतिदिन) में सेवन सुरक्षित है, लेकिन लगातार 4–6 सप्ताह से अधिक न लें। अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
प्रश्न 6. 🟢 क्या मुलेठी बच्चों को दी जा सकती है?
उत्तर: हाँ, लेकिन बहुत कम मात्रा में और केवल चिकित्सकीय सलाह पर। खासकर खांसी या गले की समस्या में।
प्रश्न 7. 🟢 क्या डायबिटीज़ (मधुमेह) के रोगी मुलेठी ले सकते हैं?
उत्तर: हाँ, लेकिन सावधानी से। मुलेठी मीठी होती है, इसलिए ब्लड शुगर मॉनिटरिंग ज़रूरी है। डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर है।
प्रश्न 8. 🟢 मुलेठी को कैसे सेवन करें?
उत्तर: चूर्ण के रूप में शहद या गर्म पानी के साथ काढ़ा बनाकर दूध में उबालकर गले के लिए टुकड़ा चूसकर
प्रश्न 9. 🟢 मुलेठी गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
उत्तर: नहीं। गर्भवती महिलाओं को मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे हार्मोनल बदलाव और प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा हो सकता है।
प्रश्न 10. 🟢 मुलेठी के साथ कौन-कौन सी चीजें मिलाकर लेना चाहिए?
उत्तर:
गले के लिए: शहद
कमजोरी के लिए: घी + दूध
बालों के लिए: तिल और भैंस के दूध के साथ
पेट के लिए: मिश्री या तण्डुलोदक (चावल का पानी)
प्रश्न 11. 🟢 मुलेठी में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
उत्तर: इसमें ग्लायसिरिज़िन, फ्लैवोनॉइड्स, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो इसे औषधीय गुणों से भरपूर बनाते हैं।
प्रश्न 12. 🟢 क्या मुलेठी का ज्यादा सेवन हानिकारक हो सकता है?
उत्तर: उत्तर: हाँ, ज्यादा मात्रा में सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ना, पोटैशियम की कमी, सिरदर्द और हार्मोनल असंतुलन जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
प्रश्न 13. 🟢 क्या मुलेठी बालों को सफेद होने से रोकती है?
उत्तर: हाँ, मुलेठी के साथ आंवला रस और तिल के तेल का उपयोग करने से बालों का झड़ना और समय से पहले सफेद होना रोका जा सकता है।
प्रश्न 14. 🟢 क्या मुलेठी से यौन शक्ति में वृद्धि होती है?
उत्तर: हाँ, आयुर्वेद में मुलेठी को कामोत्तेजक (Aphrodisiac) माना गया है। यह वीर्यवर्धक और यौन क्षमता बढ़ाने में सहायक मानी जाती है।
🔚 निष्कर्ष (Conclusion)
मुलेठी (Mulethi), जिसे आयुर्वेद में यष्टिमधु और अंग्रेज़ी में Licorice Root कहा जाता है, एक अत्यंत गुणकारी और बहुपयोगी औषधीय जड़ी-बूटी है। इसका उपयोग न केवल खांसी, गले की खराश या सर्दी-जुकाम में होता है, बल्कि यह पाचन तंत्र, आंखों, त्वचा, बालों, दिल, मानसिक स्वास्थ्य और यहां तक कि यौन शक्ति को भी मजबूती देने में सहायक है।
29 प्रमुख मुलेठी के फायदे को समझने के बाद यह स्पष्ट होता है कि यह जड़ी-बूटी वास्तव में एक नेचुरल हेल्थ टॉनिक की तरह काम करती है, जो शरीर के विभिन्न अंगों पर सकारात्मक असर डालती है।
मुलेठी का सेवन पाउडर, क्वाथ (काढ़ा), घोल, नाक की बूंदों, आंखों की धुलाई या चूर्ण के रूप में किया जा सकता है — परंतु हमेशा सही मात्रा और विधि के साथ। अगर इसका प्रयोग उचित मात्रा में और आयुर्वेदाचार्य की सलाह से किया जाए, तो यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जड़ से खत्म करने की शक्ति रखती है।
👉 यदि आप किसी विशेष बीमारी से पीड़ित हैं, या कोई दवा ले रहे हैं, तो मुलेठी का सेवन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। तब ही आपको “Mulethi ke Fayde” होंगे! |
⚠️ डिस्क्लेमर (Disclaimer)
यह लेख केवल शैक्षणिक और जन-जागरूकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें प्रस्तुत सभी जानकारियाँ आयुर्वेदिक ग्रंथों, शोधों और पारंपरिक चिकित्सा पद्धति पर आधारित हैं, जो आम उपयोगकर्ता के लिए लाभकारी हो सकती हैं।
लेकिन… 👉 Mulethi Ke Fayade के लिए मुलेठी के सेवन से पहले किसी प्रमाणित आयुर्वेदाचार्य, वैद्य या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें, विशेषतः यदि आप |
- गर्भवती या स्तनपान करवा रही महिला हैं,
- हृदय रोग, हाई बीपी, डायबिटीज़ या किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं,
- कोई विशेष दवा ले रहे हैं।
मुलेठी एक प्राकृतिक औषधि जरूर है, लेकिन हर शरीर की प्रकृति अलग होती है। इसलिए सेवन की मात्रा (Dosage), समय (Timing) और विधि (Method of Use) का पालन करना जरूरी है। तब ही आपको “Mulethi ke Fayde” होंगे।
लेखक या प्रकाशक किसी भी स्वास्थ्य हानि या दुष्प्रभाव के लिए उत्तरदायी नहीं होगा, यदि यह जानकारी चिकित्सा सलाह के बिना अपनाई जाए। |
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