बच्चों में कब्ज के घरेलू उपचार: जानिए 11 असरदार और सुरक्षित देसी नुस्खे | Constipation in Kids

बच्चों में कब्ज एक आम लेकिन चिंताजनक समस्या है, जिसे समय रहते पहचानकर घरेलू उपायों से आसानी से ठीक किया जा सकता है।

इस लेख में जानिए बच्चों में कब्ज के घरेलू उपचार, कब्ज के लक्षण, कारण और परहेज की विस्तृत जानकारी। यदि आपका बच्चा शौच नहीं कर रहा, मल कठोर है या पेट साफ नहीं होता, तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी है।

जानें कैसे शहद, त्रिफला, अंजीर, मुनक्का जैसे उपाय बच्चों की कब्ज की रामबाण दवा बन सकते हैं। शिशु में कब्ज के लक्षण और बच्चों का पेट साफ करने के आयुर्वेदिक तरीके अब हिंदी में।

बच्चों (शिशुओं) में कब्ज के 11 असरदार घरेलू उपचार | Constipation in Kids Home Remedies in Hindi

अधिकतर लोग मानते हैं कि कब्ज केवल बड़ों को होती है, लेकिन यह धारणा गलत है। शिशुओं और छोटे बच्चों में भी कब्ज होना एक आम स्वास्थ्य समस्या है। अंतर बस इतना है कि वयस्क अपनी परेशानी बता सकते हैं जबकि बच्चे चुपचाप असहज रहते हैं।

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बच्चों के शरीर में पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे उन्हें हल्की सी आंतरिक गड़बड़ी या आहार में बदलाव के कारण कब्ज हो सकती है। यह स्थिति यदि बार-बार होती है, तो यह उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

इसलिए माता-पिता को यह जानना जरूरी है कि बच्चों में कब्ज के क्या लक्षण होते हैं, इसके क्या कारण हैं और कैसे इसे घरेलू व प्राकृतिक तरीकों से नियंत्रित किया जा सकता है।

बच्चों में कब्ज के लक्षण कैसे पहचानें?

⚠️ बच्चों में कब्ज के लक्षण कैसे पहचानें?

कब्ज को समझना बच्चों के मामले में कठिन हो सकता है क्योंकि वे खुलकर अपनी समस्या नहीं बता पाते। नीचे कुछ संकेत दिए गए हैं जिनसे माता-पिता पहचान सकते हैं कि बच्चा कब्ज से परेशान है:

  • शौच जाते समय बच्चा रोता है या जोर लगाता है।
  • मल कठोर, सूखा और टुकड़ों में निकलता है।
  • शौच करने में 2–3 दिन का अंतराल आ जाता है।
  • पेट में भारीपन, सूजन या गैस की शिकायत होती है।
  • बार-बार मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन या रोना।
  • बच्चे को खाना खाने में अरुचि होना।

यदि इन लक्षणों में से एक से अधिक लक्षण लंबे समय तक दिखाई दें, तो यह संकेत है कि बच्चे को कब्ज की गंभीर समस्या है, और तत्काल समाधान की आवश्यकता है।

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बच्चों में कब्ज के संभावित कारण:

🧾 बच्चों में कब्ज के संभावित कारण:

  • फाइबर की कमी: बच्चों के आहार में फलों, सब्जियों और साबुत अनाज की कमी।
  • पानी कम पीना: पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ न लेना।
  • अधिक प्रोसेस्ड और जंक फूड का सेवन।
  • डर या बाथरूम ट्रेनिंग से संबंधित मानसिक तनाव।
  • बार-बार दूध पिलाना और ठोस आहार की देर से शुरुआत।
  • फिजिकल एक्टिविटी की कमी – जैसे बच्चे का दिनभर टीवी या मोबाइल में लगे रहना।
जानिए बच्चों में कब्ज के घरेलू उपचार:

🚼 बच्चों में कब्ज के घरेलू उपचार: जानिए 11 असरदार और सुरक्षित देसी नुस्खे | Constipation in Kids

 शहद और गुनगुना पानी

1. 🍯 शहद और गुनगुना पानी

शहद में प्राकृतिक एंजाइम होते हैं जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं। सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में 1–2 चम्मच शहद मिलाकर पिलाएं। यह आंतों को चिकनाई देता है और मल को नरम करने में मदद करता है।

ध्यान दें: यह उपाय एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।

दूध में उबला अंजीर

2. 🥛 दूध में उबला अंजीर

अंजीर प्राकृतिक रूप से फाइबर से भरपूर होता है। 2–3 सूखे अंजीर को रात में दूध में उबालें और यह दूध बच्चे को सोने से पहले पिलाएं। यह आंतों की गति को उत्तेजित करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।

बेकिंग सोडा के फायदे

3. 🧂 बेकिंग सोडा का प्रयोग

बेकिंग सोडा गैस, पेट की जलन और कब्ज के लिए एक पारंपरिक उपाय माना जाता है। एक चुटकी बेकिंग सोडा को 1/4 कप गुनगुने पानी में मिलाकर पिलाएं। यह आंतों के pH को संतुलित करता है।

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हल्दी वाले दूध के फायदे

4. 🌿 हल्दी वाला दूध

हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। आधा चम्मच हल्दी को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर दें। यह उपाय न केवल कब्ज में लाभदायक है, बल्कि यह इम्यूनिटी भी मजबूत करता है।

त्रिफला

5. 🍀 त्रिफला चूर्ण

त्रिफला तीन हर्ब्स – हरड़, बहेड़ा और आंवला – से बना होता है। यह आयुर्वेदिक उपाय बच्चों की आंतों को साफ करता है। एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर रात को सोने से पहले दें।

नोट: 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए ही त्रिफला का प्रयोग करें।

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बादाम तेल के साथ दूध के फायदे हिंदी में

6. 🥥 बादाम तेल के साथ दूध

बादाम तेल आंतों को चिकनाहट प्रदान करता है और कब्ज को दूर करता है। रात को एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच बादाम तेल मिलाकर पिलाएं। यह उपाय लगातार 10–15 दिन तक अपनाएं।

पपीता और अमरूद के फायदे

7. 🍹 पपीता और अमरुद का जूस

पपीता और अमरुद दोनों ही प्राकृतिक रेचक हैं। इनके जूस में मौजूद एंजाइम्स पाचन सुधारते हैं और मल त्याग को नियमित बनाते हैं। सुबह के समय खाली पेट यह जूस पिलाना लाभकारी रहेगा।

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मुनक्का और दूध के फायदे

8. 🍇 मुनक्का और दूध

मुनक्का शरीर को गर्माहट देता है और आंतों में नमी बनाए रखता है। 5–6 मुनक्कों को दूध में उबालें, मुनक्का खिलाएं और दूध पिलाएं। इससे कब्ज से राहत मिलती है।

ईसबगोल और दही के फायदे

9. 🌾 ईसबगोल और दही

ईसबगोल (Psyllium Husk) फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत है। 10 ग्राम ईसबगोल को 100 ग्राम ताजे दही में मिलाकर सुबह–शाम बच्चे को दें। यह उपाय मल को नरम करता है और आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है।

नींबू और गुनगुना पानी के फायदे

10. 🍋 नींबू और गुनगुना पानी

नींबू में साइट्रिक एसिड होता है जो पाचन रसों को सक्रिय करता है। एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू निचोड़कर सुबह खाली पेट दें। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और कब्ज को जड़ से हटाता है।

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मुलेठी और अदरक का पेस्ट के फायदे

11. 🌿 मुलेठी और अदरक का पेस्ट

मुलेठी और अदरक दोनों ही आयुर्वेद में पाचन सुधारने वाले तत्व माने जाते हैं। इनका पेस्ट बनाकर शहद मिलाएं और 5 वर्ष से ऊपर के बच्चों को दिन में दो बार दें।

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"कब्ज की समस्या
में बच्चों का खान-पान
कैसा हो?"

🥗 कब्ज की समस्या में बच्चों का खान-पान (Children’s Diet in Constipation Problem)

कब्ज से ग्रसित बच्चों के लिए सही खान-पान बेहद जरूरी होता है, क्योंकि आंतों को सक्रिय और स्वस्थ बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर और रेशेदार आहार की आवश्यकता होती है। नीचे कुछ प्रमुख आहार संबंधी सुझाव दिए जा रहे हैं:

  • चोकर सहित आटे की रोटी: इसमें रेशे भरपूर होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ: पालक, मेथी, सरसों, बथुआ जैसे हरे पत्तेदार साग कब्ज को जड़ से मिटाते हैं।
  • फलों का सेवन बढ़ाएं: पपीता, संतरा, सेब, अंगूर, अमरूद, खजूर, नारियल, बेल और अंजीर जैसे फलों में प्राकृतिक फाइबर होता है जो मल को नरम करता है।
  • रस और तरल पदार्थ: नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शर्बत, कच्चे पालक का रस सुबह–शाम देने से कब्ज दूर होती है।
  • पानी की पर्याप्त मात्रा: सुबह खाली पेट 1–2 गिलास गुनगुना पानी जरूर पिलाएं। यह आंतों की सफाई करता है।
  • मुनक्का सेवन: प्रतिदिन 5–6 मुनक्का खाने से पुरानी कब्ज में भी राहत मिलती है।
  • एरण्ड का तेल (Castor Oil): एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच एरण्ड का तेल मिलाकर देने से कब्ज दूर होती है। यह केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही दें।
कब्ज की समस्या में बच्चों की जीवनशैली कैसी हो

🧘‍♂️ कब्ज की समस्या में बच्चों की जीवनशैली (Children’s Lifestyle in Constipation Problem)

खान-पान के साथ-साथ बच्चों की दिनचर्या भी उनके पाचन स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यदि जीवनशैली संतुलित हो, तो कब्ज की समस्या जल्दी ठीक हो सकती है:

  • सुबह की सैर: खुली हवा में सैर करने से पाचन तंत्र सक्रिय होता है।
  • वज्रासन अभ्यास: भोजन के बाद 5–10 मिनट वज्रासन में बैठने से पाचन सुधरता है।
  • योग एवं प्राणायाम: सर्पासन, कटी चक्रासन, पादहस्तासन आदि योग कब्ज को जड़ से खत्म करने में सहायक होते हैं।
  • खेलकूद: बच्चों को शारीरिक रूप से एक्टिव रखें ताकि उनका मेटाबोलिज़्म ठीक रहे।
 बच्चों को कब्ज होने पर परहेज क्या करे

❌ बच्चों को कब्ज होने पर परहेज (Avoid These in Children’s Constipation Problem)

  • फास्ट फूड और जंक फूड: पिज्जा, बर्गर, चिप्स और फ्रेंच फ्राइज में फाइबर की कमी होती है और ये पाचन को नुकसान पहुंचाते हैं।
  • व्हाइट ब्रेड: यह रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से बना होता है जो कब्ज को बढ़ाता है।
  • चाय और कॉफी: बच्चों को इन पेय पदार्थों से दूर रखें, ये आंतों की गति को धीमा कर सकते हैं।
  • रेड मीट: इसमें फाइबर नहीं होता और पचने में समय लगता है।
  • चॉकलेट: ज्यादा चॉकलेट बच्चों की पाचन क्रिया को सुस्त करती है।

🥗 अन्य उपयोगी टिप्स:

  • बच्चों की डाइट में फाइबर से भरपूर सब्जियाँ जैसे पालक, गाजर, लौकी, चुकंदर शामिल करें।
  • दिन में कम से कम 5–6 बार पानी पिलाएं।
  • बच्चे को खेलने और दौड़ने के लिए समय दें, ताकि पाचन सक्रिय रहे।
  • रात को सोने से पहले एक चम्मच घी गर्म दूध में मिलाकर पिलाना भी फायदेमंद होता है।
  • संतरे और अनार का जूस कब्ज में बेहद असरदार हैं।
  • किशमिश का पानी, अलसी के बीज का चूर्ण, या नींबू-शहद पानी भी आजमाएं।
बच्चों में कब्ज को लेकर  महत्वपूर्ण सवाल-जवाब

❓ बच्चों में कब्ज को लेकर 14 महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQs)

प्रश्न 1 – बच्चों में कब्ज क्यों होती है?

उत्तर : बच्चों में कब्ज आमतौर पर फाइबर की कमी, पानी की कमी, जंक फूड सेवन, या फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण होती है।

प्रश्न 1 – बच्चों में कब्ज के लक्षण क्या होते हैं?

उत्तर : शौच में कठिनाई, मल का सूखा या कठोर होना, पेट दर्द, चिड़चिड़ापन और भूख कम लगना इसके सामान्य लक्षण हैं।

प्रश्न 1 – क्या बच्चों में कब्ज को घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है?

उत्तर : हाँ, शहद, अंजीर, त्रिफला, हल्दी वाला दूध, इसबगोल जैसी चीजें बच्चों की कब्ज के लिए असरदार घरेलू उपाय हैं।

प्रश्न 1 – बच्चों के कब्ज के लिए सबसे असरदार घरेलू उपाय कौन सा है?

उत्तर : गुनगुना पानी, मुनक्का, पालक का रस और पपीता बच्चों के लिए सबसे असरदार प्राकृतिक उपचार माने जाते हैं।

प्रश्न 1 – बच्चों के लिए त्रिफला देना सुरक्षित है?

उत्तर : त्रिफला हल्की मात्रा में और डॉक्टर की सलाह से देना सुरक्षित है, लेकिन 1 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देना चाहिए।

प्रश्न 1 – बच्चों को कब्ज होने पर क्या खाना देना चाहिए?

उत्तर : फाइबर युक्त फल-सब्जियाँ, साबुत अनाज, बेल, अंजीर, नारियल पानी, और नींबू पानी फायदेमंद होते हैं।

प्रश्न 1 – कब्ज में दूध देना सही है या नहीं?

उत्तर : अगर दूध से गैस या कब्ज बढ़ती है तो कम करें या गुनगुने दूध में घी या एरण्ड तेल मिलाकर दें।

प्रश्न 1 – क्या बच्चों को कब्ज में शहद दिया जा सकता है?

उत्तर : एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को शहद देना सुरक्षित है, लेकिन शिशुओं को शहद बिल्कुल न दें।

प्रश्न 1 – बच्चों में पुरानी कब्ज की पहचान कैसे करें?

उत्तर : अगर 2 सप्ताह से अधिक समय से मल त्याग में कठिनाई हो रही हो, तो यह पुरानी कब्ज की निशानी हो सकती है।

प्रश्न 1 – बच्चों को कब्ज में योग करवाना फायदेमंद होता है?

उत्तर : हाँ, वज्रासन, पादहस्तासन और हल्की साँसों की एक्सरसाइज बच्चों के पाचन को दुरुस्त करती हैं।

प्रश्न 1 – बच्चों को कब्ज में क्या नहीं देना चाहिए?

उत्तर : मैदा, चॉकलेट, व्हाइट ब्रेड, तला-भुना खाना, प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट से परहेज करना चाहिए।

प्रश्न 1 – बच्चों को कब्ज के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

उत्तर : जब घरेलू उपाय 5–7 दिन में असर न करें, या बच्चा लगातार रो रहा हो, खून आ रहा हो या वजन कम हो रहा हो, तब डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।

प्रश्न 1 – क्या कब्ज से बच्चे के विकास पर असर पड़ता है?

उत्तर : हाँ, लंबे समय तक कब्ज बच्चे के पोषण और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है।

⚠️ डिस्क्लेमर (Disclaimer):

यह लेख केवल शैक्षणिक और जानकारी साझा करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें बताए गए सभी घरेलू उपाय आयुर्वेदिक ग्रंथों, पारंपरिक घरेलू अनुभवों और विशेषज्ञों की सामान्य सलाह पर आधारित हैं।
हर बच्चा अलग होता है – किसी उपाय का असर किसी एक पर हो सकता है, लेकिन दूसरे पर नहीं।

यदि बच्चे की कब्ज की समस्या तीव्र हो, लंबे समय से हो रही हो, या उसमें दर्द, रक्त या अन्य जटिल लक्षण शामिल हों — तो तुरंत किसी बाल रोग विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।

👉 घरेलू उपचार आज़माने से पहले, 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए किसी भी सामग्री (जैसे शहद, त्रिफला आदि) का सेवन कराने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

📝 निष्कर्ष (Conclusion):

कब्ज की समस्या छोटे बच्चों में आम है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ करना सही नहीं होता।
यह समस्या सिर्फ पेट की नहीं, बल्कि बच्चे के पूरे स्वास्थ्य, मूड और विकास को प्रभावित कर सकती है।

यदि आप ऊपर बताए गए उपायों को सही समय पर अपनाते हैं — जैसे कि संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, फिजिकल एक्टिविटी, और आयुर्वेदिक घरेलू उपाय — तो बच्चों की पाचन क्रिया बेहतर होगी और कब्ज की परेशानी भी जड़ से खत्म हो सकती है।

याद रखें, सहनशीलता और नियमितता ही सबसे बड़ा इलाज है। बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाएं, उन्हें समय पर खाना और हल्की गतिविधियां करने दें — यही उनके अच्छे स्वास्थ्य का मूलमंत्र है।

All Image Credit- Freepik

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