डायबिटीज में कौन सी दाल खाएं और कौन सी नहीं? यह जानना हर शुगर मरीज के लिए जरूरी है। इस लेख में जानिए 5 ऐसी दालें जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करती हैं और 3 ऐसी दालें जिनसे परहेज जरूरी है। जानें हर दाल की विशेषता, पोषण मूल्य, सेवन की विधि और विशेषज्ञों की राय – पूरी जानकारी एक जगह, सरल हिंदी में। पढ़ें ये हेल्थ गाइड और सुधारें अपनी डायबिटीज डाइट।
डायबिटीज में सही आहार चुनना बचा सकता है जीवन
आज की तेज़ रफ्तार और तनाव भरी जिंदगी में डायबिटीज एक आम लेकिन बेहद खतरनाक बीमारी बन चुकी है। पहले यह रोग केवल उम्रदराज़ लोगों को होता था, लेकिन अब यह युवाओं और यहां तक कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन जीवनशैली और खानपान में सुधार करके इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है।
क्या आप जानते हैं? डायबिटीज को अक्सर “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है — जैसे आंखें, किडनी, दिल और नसें। ऐसे में सही समय पर सही आहार का चयन करना बेहद जरूरी हो जाता है।
👉 भारत में भोजन का प्रमुख हिस्सा है दाल, लेकिन डायबिटीज मरीजों के लिए यह सवाल बना रहता है – आखिर
“डायबिटीज में कौन सी दाल खाएं और कौन-सी नहीं?”
तो घबराइए नहीं! इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं 6 ऐसी असरदार दालों की सूची, जिन्हें डायबिटीज मरीज अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं बिना किसी डर के।
ये दालें न केवल शुगर लेवल को नियंत्रित करती हैं, बल्कि शरीर को पोषण भी देती हैं और स्वाद भी बरकरार रखती हैं। तो आइए, शुरुआत करें इस सेहतमंद सफर की – |
जहां स्वाद और सेहत साथ चलेंगे और ब्लड शुगर रहेगा संतुलित।

“डायबिटीज में कौन सी दाल खाएं, कौन सी नहीं? जानिए पूरी लिस्ट” | Best 5 Pulses for Diabetes in Hindi
सबसे पहले “डायबिटीज में कौन सी दाल खाएं” के इस आर्टिकल में जानते हैं डायबिटीज के लिए दालें कौन-कौन सी सबसे सुरक्षित मानी जाती हैं, उन्हें कैसे और कब खाना चाहिए और कैसे ये दालें आपके शुगर कंट्रोल फूड्स का हिस्सा बन सकती हैं। पढ़ें पूरी जानकारी Best Pulses for Diabetes Hindi में।

🔹 1. हरी मूंग दाल (Green Moong Dal): फाइबर का खजाना, शुगर कंट्रोल का सहारा
हरी मूंग दाल को आयुर्वेद में “बल्य” यानी ताकत देने वाली दाल कहा गया है। यह सबसे हल्की, जल्दी पचने वाली और पोषण से भरपूर दाल है। डायबिटीज मरीजों के लिए यह एक आदर्श भोजन है।
🧪 पोषक तत्व (100 ग्राम में):
- प्रोटीन: 24 ग्राम
- फाइबर: 16 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट: 44 ग्राम (धीमी गति से पचने वाले)
- आयरन, फोलेट, विटामिन B1-B6
- लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI: 25-30)
🍽️ सेवन विधि:
- सुबह-सुबह अंकुरित करके खाएं
- हल्का तड़का लगाकर सूप या खिचड़ी
- मूंग दाल चिल्ला या पराठा
🌟 डायबिटीज के लिए लाभ:
- शुगर धीरे-धीरे बढ़ाता है
- फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है → कम भूख
- वजन कम करने में मददगार
- पाचन सुधरता है → गैस और अपचन से राहत
💡 विशेष सुझाव: रातभर भिगोकर अंकुरित मूंग दाल खाने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है और शरीर की ऊर्जा बनी रहती है। |

🔹 2. काबुली चना (Chickpeas): मधुर स्वाद, मधुमेह के लिए लाभकारी
काबुली चना यानी सफेद चना स्वादिष्ट भी है और पोषण से भरपूर भी। डायबिटीज मरीजों के लिए यह एक उच्च फाइबर और प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है, जो ब्लड शुगर को स्थिर रखता है।
🧪 पोषक तत्व (100 ग्राम में):
- प्रोटीन: 19 ग्राम
- फाइबर: 17 ग्राम
- कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन
- विटामिन A, C, B6
- GI: 28
🍽️ सेवन विधि:
- उबाले हुए चने का सादा सलाद
- भुने चने स्नैक के तौर पर
- कम मसाले में छोले-राइस
🌟 डायबिटीज के लिए लाभ:
- शुगर धीरे-धीरे पचता है
- पेट देर तक भरा रहता है → कम कैलोरी इनटेक
- कब्ज से राहत
- इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करता है
💡 विशेष सुझाव: हफ्ते में 3 बार 50-60 ग्राम उबला काबुली चना जरूर लें। यह GLP-1 हार्मोन को एक्टिव करता है, जो शुगर कंट्रोल में अहम भूमिका निभाता है। |
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🔹 3. चना दाल (Bengal Gram Dal): स्वाद और सेहत का संतुलन
चना दाल भारतीय रसोई की रीढ़ मानी जाती है। यह प्रोटीन और फाइबर दोनों का उत्तम स्रोत है, जो शुगर को धीरे-धीरे बढ़ने देता है।
🧪 पोषक तत्व (100 ग्राम में):
- प्रोटीन: 20 ग्राम
- फाइबर: 12 ग्राम
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स: 28
- विटामिन B-complex, फॉस्फोरस, फोलेट
🍽️ सेवन विधि:
- हल्की तड़की वाली चना दाल सब्जी
- बेसन से बना चीला (बिना तेल)
- भिगोकर अंकुरित रूप में
🌟 डायबिटीज के लिए लाभ:
- शुगर नहीं बढ़ने देता
- पाचन धीमा होता है → इंसुलिन फ्लक्चुएशन कम
- भूख कम लगती है
- वजन कंट्रोल में रहता है
💡 विशेष सुझाव: चना दाल का सूप बनाकर शाम को सेवन करें, इससे नाइट-टाइम क्रेविंग से राहत मिलेगी। |
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🔹 4. मसूर दाल (Red Lentils): डायबिटिक दिल के लिए आदर्श
मसूर दाल को हृदय व रक्त संचार तंत्र के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट डायबिटीज से जुड़ी सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं।
🧪 पोषक तत्व (100 ग्राम में):
- प्रोटीन: 24 ग्राम
- फाइबर: 11 ग्राम
- मैग्नीशियम, जिंक
- एंटीऑक्सीडेंट्स
- GI: 30
🍽️ सेवन विधि:
- मसूर दाल की पतली खिचड़ी
- दाल सूप
- हरी सब्जियों के साथ मिश्रित दाल
🌟 डायबिटीज के लिए लाभ:
- ब्लड शुगर को स्थिर रखती है
- हृदय को मजबूत बनाती है
- ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को घटाती है
- डायबिटिक हार्ट डिजीज से सुरक्षा
💡 विशेष सुझाव: मसूर दाल को हफ्ते में 2 बार टमाटर और लहसुन के साथ लें, जिससे सूजन कम होगी और दिल को राहत मिलेगी। |

🔹 5. अरहर दाल (Toor Dal): संतुलित पोषण, डायबिटिक संतुलन
अरहर दाल यानी तुअर दाल, एक संतुलित दाल है जो धीमे कार्ब्स और पर्याप्त फाइबर के कारण ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखती है। इसका स्वाद भी लाजवाब होता है।
🧪 पोषक तत्व (100 ग्राम में):
- प्रोटीन: 22 ग्राम
- फाइबर: 15 ग्राम
- कॉम्प्लेक्स कार्ब्स
- पोटैशियम, फास्फोरस
- GI: 29-32
🍽️ सेवन विधि:
- साधारण तड़का वाली अरहर दाल
- पालक या टमाटर मिलाकर
- रोटी या ब्राउन राइस के साथ
🌟 डायबिटीज के लिए लाभ:
- शुगर को धीमी गति से बढ़ाता है
- ऊर्जा प्रदान करता है
- दिल की सेहत के लिए लाभकारी
- मेटाबोलिज्म को सुधारता है
💡 विशेष सुझाव: अरहर दाल में नीम की पत्तियों का तड़का लगाएं – यह शुगर कंट्रोल में और भी सहायक हो सकता है। |

⚠️ शुगर के मरीज भूलकर भी ना खाएं ये दालें | Pulses to Avoid in Diabetes in Hindi
दालें भारतीय भोजन का अभिन्न हिस्सा हैं और इनका सेवन प्रोटीन, फाइबर और पोषण के लिए आवश्यक माना जाता है। परंतु जब बात डायबिटीज (मधुमेह) की हो, तो हमें यह समझना बेहद जरूरी हो जाता है कि कौन-सी दालें ब्लड शुगर को नियंत्रित करती हैं और कौन-सी दालें शुगर लेवल को बढ़ा सकती हैं।
👉 कई दालें पौष्टिक होते हुए भी डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं, खासकर अगर उन्हें गलत मात्रा, समय या विधि से खाया जाए। आज इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि शुगर के मरीजों को किन दालों से बचना चाहिए, और क्यों।

🚫 1. राजमा (Kidney Beans) – कैलोरी और कार्ब्स का बम
📌 राजमा क्यों हानिकारक हो सकता है?
राजमा एक स्वादिष्ट और लोकप्रिय दाल है, परंतु डायबिटीज रोगियों के लिए यह हर बार सही विकल्प नहीं होता। इसमें हाई कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी पाई जाती है जो ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि कर सकती है।
🔍 पोषण तथ्य (100 ग्राम पके हुए राजमा में):
- कैलोरी: 127 kcal
- कार्बोहाइड्रेट: 23 ग्राम
- फाइबर: 6 ग्राम
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स: 29 (Low, लेकिन मात्रा महत्वपूर्ण है)
❗ संभावित नुकसान:
- वजन तेजी से बढ़ा सकता है → इंसुलिन रेजिस्टेंस
- पेट भारी और गैसी बना सकता है
- पाचन तंत्र पर बोझ डालता है
- शुगर कंट्रोल में रुकावट
✅ सुझाव:
यदि आप राजमा खाना चाहते हैं तो:
- सिर्फ छोटे पोर्शन में (1/2 कटोरी)
- उबले हुए और कम तेल/मसाले में तैयार करें
- साप्ताहिक रूप से 1 बार से अधिक न लें
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🚫 2. सफेद छोले (Kabuli Chana/White Chickpeas) – भारी भोजन, धीमा पाचन
📌 सफेद छोले क्यों सीमित करें?
हालांकि सफेद छोले में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है, लेकिन इन्हें पचाना मुश्किल होता है और अधिक मात्रा में खाने से यह अपच, गैस और ब्लोटिंग पैदा कर सकते हैं – डायबिटीज मरीजों के लिए यह खतरनाक संकेत हैं।
🔍 पोषण तथ्य (100 ग्राम में):
- कैलोरी: 164 kcal
- कार्ब्स: 27.4 ग्राम
- प्रोटीन: 8.9 ग्राम
- GI: 28
❗ संभावित नुकसान:
- अपच और कब्ज
- पेट में सूजन
- ब्लड शुगर में धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि
- ज्यादा मात्रा में ग्लूकोज स्पाइक का खतरा
✅ सुझाव:
- अगर खाना ही है तो छोटी मात्रा में और अच्छे से पका कर खाएं
- भिगोकर उबालें, छिलका निकालना बेहतर
- गैस बनने से रोकने के लिए हींग और अदरक का प्रयोग करें
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🧠 विशेषज्ञों की राय क्या कहती है?
“डायबिटीज के मरीजों को सभी दालें खा सकते हैं, लेकिन संयम के साथ।”
डायबिटीज में कौन सी दाल खाएं का जब सवाल उठता हैं तो डॉक्टर्स कहते हैं कि दालों में पाए जाने वाले पोषक तत्व डायबिटीज के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन कुछ दालें अधिक गैस पैदा करने वाली, भारी और उच्च कैलोरी युक्त होती हैं। इन्हें यदि उचित मात्रा और सही विधि से नहीं खाया जाए, तो ये ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकती हैं।

✅ डायबिटीज में दालें खाने के 5 स्मार्ट नियम
- ❌ एक समय पर एक ही दाल खाएं
- 🕒 दालों का सेवन दिन में करें, रात को नहीं
- 🥗 दाल के साथ हरी सब्जियां और सलाद शामिल करें
- ⚖️ ज्यादा मात्रा में न खाएं (1 कटोरी पर्याप्त)
- 🧂 कम मसाले, कम तेल और हल्का तड़का लगाएं
डायबिटीज में दालें जीवन का अभिन्न हिस्सा हो सकती हैं – यदि उन्हें समझदारी से खाया जाए।

❓ 14 महत्वपूर्ण FAQ – डायबिटीज और दाल से जुड़े सामान्य प्रश्न
प्रश्न 1- शुगर फ्री दाल कौन सी है?
उत्तर: कोई भी दाल पूरी तरह शुगर फ्री नहीं होती, लेकिन हरी मूंग दाल, मसूर दाल और चना दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जो शुगर लेवल को नहीं बढ़ाते और डायबिटीज मरीजों के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं।
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प्रश्न 1- रोज कौन सी दाल खानी चाहिए?
उत्तर: डायबिटीज के मरीज रोजाना हरी मूंग दाल या चना दाल खा सकते हैं। ये हल्की, पचने में आसान और शुगर कंट्रोल करने वाली होती हैं। इनका सेवन उबली या हल्के तड़के के साथ करें।
प्रश्न 1- कौन सी दाल खाने से शुगर बढ़ता है?
उत्तर: राजमा, सफेद छोले और काली उड़द दाल अधिक भारी होती हैं और ज्यादा मात्रा में खाने पर शुगर लेवल बढ़ा सकती हैं। इनका सेवन सीमित मात्रा में और दिन में ही करें।
प्रश्न 1- अगर मैं रोज दाल खाऊं तो क्या होगा?
उत्तर: संतुलित मात्रा में दाल रोजाना खाने से शरीर को प्रोटीन, फाइबर और ऊर्जा मिलती है, जिससे शुगर लेवल नियंत्रण में रहता है। परंतु मात्रा और प्रकार का ध्यान रखना जरूरी है।
प्रश्न 1- रात को कौन सा दाल नहीं खाना चाहिए?
उत्तर: रात को काली उड़द दाल, राजमा या सफेद छोले जैसे भारी दालों से परहेज करना चाहिए। इनके सेवन से गैस, अपच और ब्लड शुगर स्पाइक हो सकता है।
प्रश्न 1- डायबिटीज में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
उत्तर: डायबिटीज मरीजों को सबसे ज्यादा फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे हरी मूंग दाल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, ओट्स, अंकुरित अनाज, और साबुत अनाज खाना चाहिए।
प्रश्न 1- क्या डायबिटीज में चना दाल खाना सही है?
उत्तर: हाँ, चना दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जिससे शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए उत्तम विकल्प है।
प्रश्न 1- डायबिटीज में दाल किस समय खानी चाहिए?
उत्तर: दाल दोपहर के भोजन में या शाम को हल्के खाने के रूप में लेना सबसे अच्छा होता है। रात को भारी दालों से बचना चाहिए।
प्रश्न 1- डायबिटीज में दाल कितनी मात्रा में खानी चाहिए?
उत्तर: डायबिटीज मरीजों को एक बार में ½ से 1 कटोरी (लगभग 100-120ml) दाल का सेवन करना चाहिए। इससे पोषण मिलेगा और शुगर कंट्रोल में रहेगा।
प्रश्न 1- क्या सफेद छोले डायबिटीज में खा सकते हैं?
उत्तर: सफेद छोले पचाने में भारी होते हैं, लेकिन छोटी मात्रा में, अच्छे से पका कर और हींग या अदरक के साथ खाए जाएं तो कभी-कभी खाए जा सकते हैं।
प्रश्न 1- क्या डायबिटीज मरीज अंकुरित दाल खा सकते हैं?
उत्तर: हाँ, अंकुरित मूंग, चना या मसूर दाल फाइबर और एंजाइम से भरपूर होती है, जिससे पाचन अच्छा होता है और शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। यह डायबिटीज के लिए बहुत फायदेमंद है।
प्रश्न 1- क्या राजमा डायबिटीज में खा सकते हैं?
उत्तर: राजमा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, लेकिन यह हाई कैलोरी और भारी होता है। इसलिए इसे सीमित मात्रा में, कभी-कभी और दिन में खाया जाना चाहिए।
प्रश्न 1- डायबिटीज में कौन-सी दालें सबसे फायदेमंद हैं?
उत्तर: हरी मूंग दाल, चना दाल, मसूर दाल, अरहर दाल और अंकुरित दालें डायबिटीज में सबसे ज्यादा फायदेमंद मानी जाती हैं क्योंकि ये ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाती हैं।
प्रश्न 1- डायबिटीज मरीजों को दाल कैसे खानी चाहिए?
उत्तर: दाल को हमेशा कम नमक, कम मसाले और हल्के तड़के के साथ खाना चाहिए। साथ में हरी सब्जियां और सलाद जोड़ने से इसका पोषण और पाचन दोनों बेहतर होते हैं।
🧾 🔚 निष्कर्ष (Conclusion):
डायबिटीज एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसे केवल दवा से नहीं, बल्कि समझदारी भरी खानपान की आदतों और संतुलित जीवनशैली से भी प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। इस लेख में हमने विस्तार से जाना कि डायबिटीज मरीजों को कौन-कौन सी दालें रोजमर्रा की डाइट में जरूर शामिल करनी चाहिए, जैसे कि हरी मूंग दाल, चना दाल, मसूर दाल, अरहर दाल और अंकुरित दालें।
इन दालों में पाए जाने वाले फाइबर, प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्व ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने और शरीर की समग्र ऊर्जा को बनाए रखने में सहायक होते हैं। साथ ही, यह भी समझना जरूरी है कि हर दाल हर व्यक्ति पर एक जैसी प्रतिक्रिया नहीं देती। इसीलिए यह आवश्यक है कि दालों का सेवन संतुलित मात्रा में, सही समय पर और सही तरीके से किया जाए।
दूसरी ओर, कुछ दालें जैसे राजमा, सफेद छोले और उड़द दाल पाचन पर अधिक बोझ डाल सकती हैं और कुछ लोगों में शुगर स्पाइक का कारण बन सकती हैं। अतः इनका सेवन सीमित और सोच-समझकर करें।
आपका उद्देश्य सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना होना चाहिए।
अगर आप सही जानकारी के साथ दालों को अपनी डायबिटिक डाइट में शामिल करते हैं, तो यह न केवल ब्लड शुगर कंट्रोल में मदद करेगी, बल्कि आपको एक बेहतर और ऊर्जावान जीवनशैली भी प्रदान करेगी।
⚠️ डिस्क्लेमर (Disclaimer):
डायबिटीज में कौन सी दाल खाएं के इस लेख में प्रस्तुत की गई जानकारी स्वस्थ्य शिक्षा के उद्देश्य से दी गई है। यह किसी डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है।
डायबिटीज एक जटिल रोग है, जिसकी प्रकृति व्यक्ति-विशेष पर निर्भर करती है। किसी भी दवा, भोजन, या आहार योजना को अपनाने से पहले, विशेष रूप से यदि आप पहले से किसी दवा पर हैं, तो कृपया अपने चिकित्सक या प्रमाणित न्यूट्रिशनिस्ट से परामर्श अवश्य लें।
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